सरकार ने महिलाओं को घरेलू रसोई का खर्च कम करने के लिए चुपचाप एक नई लाभ योजना शुरू कर दी है, जिसमें हर पात्र महिला को रसोई गैस सिलेंडर पर सीधा ₹500 की राहत दी जाएगी और इसके साथ एक चूल्हा बिल्कुल मुफ्त दिया जाएगा। यह योजना अब तक किसी बड़े घोषणा समारोह या टीवी विज्ञापन के बिना लागू कर दी गई है, ताकि असली लाभ सीधे जरूरतमंद घरों तक पहुँच सके। इस योजना का पहला उद्देश्य रसोई खर्च कम करना है क्योंकि गैस, तेल, दाल, आटा, और बाकी सामान की कीमतें लगातार लोगों की जेब ढीली कर रही हैं। यही वजह है कि सरकार अब महिलाओं को सीधा रसोई में राहत देने की तैयारी कर चुकी है, जिससे लाखों घरों को सस्ता ईंधन और रसोई का सामान मिल सके। गाँव, कस्बे और छोटे शहरों में इस योजना का असर और भी बड़ा माना जा रहा है, क्योंकि वहां रसोई का खर्च महीने की सबसे बड़ी टेंशन बन चुका है।

कौन कर सकता है इस सीक्रेट योजना का फायदा?
सूत्रों के अनुसार इस योजना का फायदा वही महिलाएं उठा सकती हैं जिनके नाम पर रसोई गैस का कनेक्शन है और वे सरकारी लाभ वाली सूची में दर्ज हैं। ऐसे परिवार जो नियमित रूप से रसोई गैस सिलेंडर लेते हैं और जिनकी आय कम है, उन्हें पहले चरण में लाभ दिया जाएगा। यानी उन महिलाओं को सीधा फायदा मिलेगा जो रोजाना रसोई गैस पर पैसा खर्च करती हैं। इस योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य सिर्फ राहत देना नहीं बल्कि यह दिखाना है कि महिला गृहणियों पर रसोई चलाने का असली भार कितना भारी है। सरकार चाहती है कि असली जरूरत वाले घरों तक राहत जल्दी पहुँच सके, इसलिए इस योजना में ज्यादा कागज़ी दिक्कतें और लंबी लाइन लगाने जैसे झंझट नहीं रहेंगे।
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कैसे मिलेगा ₹500 डिस्काउंट और फ्री चूल्हा?
इस योजना के अनुसार पात्र महिला जब अगला गैस सिलेंडर बुक करेगी, तो बिल में सीधे ₹500 की राहत दिख जाएगी। अलग से कोई कूपन या कोड डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ महिला को एक साधारण रसोई चूल्हा भी मुफ्त दिया जाएगा, ताकि घर में रसोई का पूरा सेट तैयार रहे और गैस का इस्तेमाल बिना किसी दिक्कत के हो सके। कई जगहों पर यह चूल्हा पंचायत भवन, राशन दुकान या स्थानीय गैस एजेंसी से मिलने की व्यवस्था की गई है। यानी महिला अगर गैस सिलेंडर नियमित लेती है तो उसे यह चूल्हा बिल्कुल बिना पैसा दिए मिल जाएगा। यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में यह स्कीम चर्चा में है।
क्या सरकार ने इस स्कीम को छुपाकर शुरू किया है?
यह स्कीम किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस या बड़े अख़बारी विज्ञापन के बिना लागू हुई है, इसलिए इसे लोग “सीक्रेट स्कीम” बोल रहे हैं। सरकार का इरादा यह है कि पहले लाभ सीधे जरूरत वाली महिलाओं तक पहुँचे और बाद में इसे बड़े स्तर पर घोषणा किया जाए। कई अधिकारी भी कह रहे हैं कि अगर यह मॉडल सफल रहा तो आगे और लाभ बढ़ाए जा सकते हैं। यानी अभी तो शुरुआत ₹500 की है, लेकिन आगे लाभ बढ़कर ₹700 तक भी जा सकता है।
आखिर महिलाओं के लिए यह राहत क्यों ज़रूरी थी?
रसोई का खर्च आज हर घर में सबसे बड़ा बोझ बन गया है। गैस भरवाने में ही अच्छा-ख़ासा पैसा चला जाता है, ऊपर से तेल, मसाले, सब्जी, दूध और बाकी की चीज़ें भी महंगी होती जा रही हैं। ऐसे में सरकार चाहती है कि महिलाओं का बोझ कम हो सके और घर की रसोई थोड़ी राहत महसूस कर सके। इस स्कीम को महिलाओं की जेब को सीधी राहत देने वाली सब्सिडी के तौर पर देखा जा रहा है और आने वाले महीनों में अगर लोगों को इस योजना का फायदा सच में मिलने लगे तो यह स्कीम चुनावी माहौल में भी बड़ा मुद्दा बन सकती है।
