High Court News – संविदा कर्मचारियों के लिए हाईकोर्ट का फैसला किसी तोहफे से कम नहीं है। लंबे समय से स्थायी नियुक्ति की राह देख रहे कर्मचारियों को अब सिर्फ 3 साल की सेवा के बाद स्थायी पद मिल सकेगा। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जो कर्मचारी लगातार तीन साल से संविदा पर काम कर रहे हैं और जिनका कार्य प्रदर्शन संतोषजनक है, उन्हें नियमित सेवा में शामिल किया जाए। इस फैसले से हजारों कर्मचारियों को स्थायित्व की उम्मीद जगी है। राज्य सरकार से भी अब यह अपेक्षा की जा रही है कि वह इस आदेश को तुरंत लागू कर न्यायसंगत कदम उठाए। इस ऐतिहासिक निर्णय ने सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे संविदा कर्मियों में नई ऊर्जा भर दी है।

हाईकोर्ट ने दिया संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा
हाईकोर्ट ने माना कि संविदा पर वर्षों तक काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति से वंचित रखना अनुचित है। अदालत ने कहा कि जब कोई कर्मचारी 3 साल या उससे अधिक समय तक लगातार काम करता है, तो उसकी सेवाओं को नियमित करना न्यायोचित है। इस फैसले के बाद शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व और अन्य विभागों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों की किस्मत बदल सकती है। कई राज्यों में पहले से ही 5 साल बाद स्थायी नियुक्ति का नियम था, लेकिन अब यह अवधि घटाकर 3 साल कर दी गई है। इससे कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा और भविष्य दोनों सुनिश्चित होंगे।
किन विभागों में लागू होगा हाईकोर्ट का आदेश
सूत्रों के अनुसार, यह फैसला फिलहाल शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में लागू किया गया है, जहाँ बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। राज्य सरकार अन्य विभागों में भी इस नियम को अपनाने पर विचार कर रही है। शिक्षा विभाग में शिक्षकों, क्लर्कों और स्वास्थ्य विभाग में नर्सों, लैब तकनीशियनों और सहायकों को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा, पंचायत और शहरी विकास विभागों में भी यह प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। इससे लाखों अस्थायी कर्मचारियों को स्थायित्व मिलेगा और कार्य वातावरण में स्थिरता आएगी।
कर्मचारियों की खुशी और सरकार की प्रतिक्रिया
हाईकोर्ट के इस फैसले से कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लंबे समय से स्थायित्व की मांग कर रहे संविदा कर्मियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। कर्मचारी संगठनों ने इसे “ऐतिहासिक फैसला” बताया है और उम्मीद जताई है कि सरकार इसे बिना देरी के लागू करेगी। सरकार की ओर से भी सकारात्मक संकेत मिले हैं। कई राज्यों में इस दिशा में पहले ही समिति गठित की जा चुकी है जो विभागवार स्थायीकरण की प्रक्रिया पर काम कर रही है। यदि आदेश शीघ्र लागू होता है, तो यह सरकारी सेवा प्रणाली में बड़ा सुधार साबित होगा।
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इस फैसले से बदल जाएगा सरकारी नौकरी का ढांचा
अब तक संविदा कर्मचारियों को अस्थायी मानकर उनके भविष्य को अनिश्चितता में रखा जाता था। परंतु हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यह परंपरा बदल जाएगी। यह आदेश न केवल नौकरी की स्थिरता देगा बल्कि कर्मचारियों के मनोबल को भी बढ़ाएगा। स्थायी पद मिलने से उन्हें पेंशन, ग्रेड पे और प्रमोशन जैसी सुविधाएँ भी मिल सकेंगी। इससे सरकारी सेवाओं में दक्षता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आने वाले वर्षों में रोजगार प्रणाली को नया स्वरूप देगा और संविदा व्यवस्था को अधिक न्यायसंगत बनाएगा।
