रिटायरमेंट के लिए कौन बेहतर- NPS, PPF या EPF? जानिए कौन देगा सबसे अच्छा रिटर्न

Government savings schemes – रिटायरमेंट के लिए सही निवेश चुनना हर व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी फैसला होता है। भारत में तीन प्रमुख रिटायरमेंट योजनाएं — NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम), PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और EPF (एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड) — सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं। इन तीनों योजनाओं का उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है, लेकिन इनकी कार्यप्रणाली, ब्याज दर और टैक्स लाभ अलग-अलग हैं। जहां EPF मुख्य रूप से नौकरीपेशा लोगों के लिए होता है, वहीं PPF हर नागरिक के लिए उपलब्ध है। दूसरी ओर, NPS एक लचीली पेंशन योजना है जिसमें निवेशक अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार इक्विटी और डेट फंड में निवेश कर सकते हैं। सही विकल्प का चयन आपके भविष्य की जरूरतों, जोखिम सहनशक्ति और टैक्स प्लानिंग पर निर्भर करता है।

Government savings schemes
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NPS बनाम PPF: कौन देगा ज्यादा रिटर्न?

NPS (National Pension System) उन निवेशकों के लिए सबसे उपयुक्त है जो लंबी अवधि के लिए रिटायरमेंट फंड बनाना चाहते हैं और मार्केट आधारित रिटर्न स्वीकार करते हैं। इसमें निवेशक इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज़ के मिश्रण में निवेश कर सकते हैं। इसकी अनुमानित रिटर्न दर 9% से 12% तक जा सकती है, जो कि PPF की स्थिर ब्याज दर से कहीं अधिक है। हालांकि, इसमें जोखिम का स्तर भी अधिक होता है क्योंकि रिटर्न मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं। वहीं PPF सरकारी गारंटी के साथ सुरक्षित विकल्प है, जिसमें वर्तमान में करीब 7.1% ब्याज मिलता है और निवेश पर टैक्स छूट भी मिलती है। स्थिर आय चाहने वालों के लिए PPF बेहतर विकल्प हो सकता है।

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EPF और NPS में टैक्स लाभ की तुलना

EPF (Employee Provident Fund) नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए अनिवार्य बचत योजना है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं। यह योजना न केवल सुरक्षित है बल्कि टैक्स के लिहाज से भी फायदेमंद है क्योंकि इसमें EEE (Exempt-Exempt-Exempt) स्टेटस मिलता है। यानी निवेश, ब्याज और निकासी तीनों टैक्स-फ्री रहते हैं। वहीं NPS में निवेश पर सेक्शन 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त ₹50,000 की टैक्स छूट मिलती है। हालांकि NPS की निकासी पर कुछ हिस्से पर टैक्स देना पड़ सकता है। जो निवेशक अधिक रिटर्न और टैक्स बचत दोनों चाहते हैं, उनके लिए NPS एक संतुलित विकल्प साबित हो सकता है।

किसके लिए कौन सी योजना बेहतर है?

अगर आप नौकरीपेशा हैं और स्थिर ब्याज दर के साथ सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो EPF आपके लिए बेहतर रहेगा। वहीं, स्वरोजगार या प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए PPF एक बेहतरीन दीर्घकालिक निवेश साधन है। दूसरी ओर, अगर आप मार्केट से जुड़ी योजनाओं में निवेश करके ज्यादा रिटर्न की उम्मीद रखते हैं और रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन चाहते हैं, तो NPS एक स्मार्ट विकल्प है। आदर्श स्थिति में, तीनों योजनाओं का संयोजन बनाकर निवेश करना सबसे बेहतर होगा जिससे सुरक्षा, रिटर्न और टैक्स लाभ तीनों का संतुलन बने।

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निष्कर्ष: समझदारी से करें चुनाव

रिटायरमेंट के लिए निवेश का चयन आपकी आर्थिक स्थिति, जोखिम लेने की क्षमता और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर निर्भर करता है। EPF और PPF जहां सुरक्षित और निश्चित रिटर्न देते हैं, वहीं NPS लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न की संभावना रखता है। यदि आप स्थिरता के साथ ग्रोथ चाहते हैं, तो PPF और NPS दोनों में निवेश का मिश्रण करना समझदारी भरा कदम हो सकता है। सही योजना चुनने से न केवल आपकी सेवानिवृत्ति निश्चिंत होगी बल्कि आप टैक्स बचत और बेहतर ब्याज दरों का भी लाभ उठा सकेंगे।

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