2026 से बदल जाएगा रिटायरमेंट रूल! अब सरकारी कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की उम्र में बड़ा बदलाव आने वाला है। केंद्र सरकार 2026 से लागू होने वाले नए सेवा नियमों के तहत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 से बढ़ाकर 63 साल करने की तैयारी में है। इस फैसले से लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा। इसका सीधा असर पेंशन, प्रमोशन और नए भर्ती नियमों पर भी पड़ेगा। बताया जा रहा है कि सरकार का उद्देश्य है कि अनुभवी कर्मचारियों की सेवाओं का अधिकतम उपयोग किया जा सके और भर्ती प्रक्रिया पर आने वाले खर्च को कुछ हद तक कम किया जा सके। अगर यह नियम लागू हुआ तो कर्मचारियों को 3 साल तक अतिरिक्त वेतन और पेंशन का लाभ मिलेगा। वहीं, नई नियुक्तियों की गति कुछ समय के लिए धीमी पड़ सकती है, जिससे युवा वर्ग में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।

क्यों लिया जा रहा है रिटायरमेंट एज बढ़ाने का फैसला?
सरकार का मानना है कि मौजूदा हालात में 60 साल की उम्र में कर्मचारी पूरी तरह फिट रहते हैं और उनके पास अनुभव का खजाना होता है। ऐसे में 63 साल तक सेवाएं लेना न केवल प्रशासनिक स्थिरता बढ़ाएगा बल्कि कार्यकुशलता भी बरकरार रखेगा। कई मंत्रालयों से सुझाव मिलने के बाद इस प्रस्ताव को नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जीवन प्रत्याशा बढ़ने और स्वस्थ जीवनशैली के चलते लोग अब पहले की तुलना में अधिक समय तक सक्रिय रह सकते हैं। अगर यह कदम उठाया जाता है तो इससे सरकारी व्यवस्था में अनुभवी स्टाफ बना रहेगा और ज्ञान हस्तांतरण में भी सुधार होगा। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के अवसर सीमित हो सकते हैं।
कर्मचारियों पर इसका क्या असर पड़ेगा?
रिटायरमेंट एज बढ़ने से सरकारी कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी। उन्हें न केवल तीन साल अतिरिक्त सेवा का अवसर मिलेगा बल्कि वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता (DA) और प्रमोशन के और भी मौके मिलेंगे। इसके अलावा पेंशन और ग्रेच्युटी की रकम में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी क्योंकि लंबी सेवा अवधि से वित्तीय लाभ स्वतः बढ़ जाएंगे। दूसरी ओर, कई कर्मचारियों का मानना है कि इससे वर्कलोड भी बढ़ेगा और नई भर्तियां धीमी पड़ने के कारण काम का बंटवारा प्रभावित हो सकता है। वहीं, रिटायरमेंट के बाद की योजनाएं जैसे कि पेंशन निवेश और पोस्ट-रिटायरमेंट बिजनेस प्लान भी अब तीन साल आगे खिसक जाएंगे।
नए नियम कब से लागू होंगे?
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार 2026 की शुरुआत में इस नए रिटायरमेंट रूल को लागू कर सकती है। फिलहाल इस पर नीति आयोग, वित्त मंत्रालय और कार्मिक विभाग के बीच अंतिम ड्राफ्ट पर चर्चा चल रही है। उम्मीद है कि इसे 8th Pay Commission की सिफारिशों के साथ जोड़ा जा सकता है ताकि एक साथ कई सुधार लागू किए जा सकें। अगर संसद की मंजूरी मिल जाती है, तो 1 जनवरी 2026 से नई रिटायरमेंट पॉलिसी लागू हो जाएगी। राज्य सरकारें भी केंद्र के फैसले के बाद अपने स्तर पर इसी नीति को अपनाने पर विचार कर सकती हैं।
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जनता और युवा वर्ग की प्रतिक्रिया क्या है?
रिटायरमेंट एज बढ़ाने के इस कदम पर जनता की प्रतिक्रिया दो हिस्सों में बंटी हुई है। जहां सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं, वहीं युवाओं में चिंता बढ़ गई है कि इससे नई भर्तियों की गति और घट सकती है। कई युवा संगठनों ने सरकार से यह मांग की है कि अगर रिटायरमेंट एज बढ़ाई जा रही है तो भर्ती प्रक्रिया में समान अवसर देने के लिए वैकल्पिक उपाय भी किए जाएं। हालांकि सरकार का कहना है कि यह कदम प्रशासनिक मजबूती और अनुभव के बेहतर इस्तेमाल के लिए जरूरी है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नीति कैसे लागू की जाती है और इसका रोजगार पर क्या वास्तविक असर पड़ता है।
